-ट्रामा सेंटर में स्थापित होगी ब्लड स्टोरेज यूनिट-
-ब्लड यूनिट में रखा जाएगा ५० यूनिट ब्लड-
जगाधरी। हादसे में घायल होने के उपरांत ट्रामा सेंटर में ईलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की जान अब खून की कमी की वजह से नहीं जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ट्रामा सेंटर में ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित करने का निर्णय लिया है। जिसमें फिलहाल ५० यूनिट ब्लड स्टोरेज किया जाएगा। ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित होने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मरीजों के अभिभावकों को अब दूसरे अस्पतालों के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे। वहीं उन्हें ट्रामा सेंटर में ही आसान प्रक्रिया के बाद रक्त उपलब्ध हो जाएगा।
आए दिन यमुनानगर जिले की सडक़ों पर कहीं न कहीं हादसा होता है। जिसके उपरांत घायलों को ईलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भरती कराया जाता है। अगर घायल मरीज को समय पर ब्लड न मिलें तो उसक जान जाने का अंदेशा बढ़ जाता है। यमुनानगर जिले में फिलहाल तीन ब्लड बैंक हैं। जिसमें से दो प्राइवेट तथा एक सरकारी अस्पताल में है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने हाल ही में ट्रामा सेंटर में घायल व अन्य मरीजों का ईलाज करना शुरू किया गया है। जो मरीज फिलहाल ईलाज के लिए ट्रामा सेंटर में पहुंच रहे हैं और उन्हें किसी कारणवश ब्लड की जरुरत है, तो वे मजबूरन सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक की ओर रूख कर रहे हैं।
जल्द स्थापित होगी यूनिट-
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही ट्रामा सेंटर में एक ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित की जाएगी। जिसकी ५० यूनिट ब्लड रखने का प्रावधान होगा। हाल ही में ब्लड बैंक चंडीगढ़ की एक टीम ने ट्रामा सेंटर का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय सिविल अस्पताल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ट्रामा सेंटर में एयर कंडीशन, थरमोग्राफ व ओडियो अलार्म की व्यवस्था करवाएं। अधिकारियों का कहना था कि ब्लड बैंक को ठीक प्रकार से संचालित करने के लिए उक्त चीजों का होना बेहद जरूरी है। उपरोक्त चीजों की व्यवस्था होते ही जल्द से जल्द ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित कर दी जाएगी।
अब नहीं भटकेंगे अभिभावक-
सिविल अस्पताल व ट्रामा सेंटर में ब्लड स्टोरेज यूनिट न होने की वजह से फिलहाल अभिभावकों ब्लउ के लिए ईएसआई अस्पताल व प्राइवेट अस्पतालों में स्थित ब्लड बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। यहां पर बतां दे कि सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में स्थित तीनों ब्लड बैंक ट्रामा सेंटर से दो से पांच किलोमीटर की दूरी पर है। जहां पर आने व जाने में अभिभावकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं कई बार घायल व्यक्ति के साथ एक ही आदमी होता है, तो ऐसे में ब्लड अरेंज करने में ज्यादा दिक्कतें आती है। लेकिन ट्रामा सेंटर में ब्लड बैंक स्थापित होने के बाद घायलों के अभिभावकों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
-मार्च महीने में ट्रामा सेंटर में ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित कर दी जाएगी। जिसमें ५० यूनिट ब्लड स्टोरेज किया जाएगा। हाल ही में ब्लड बैंक चंडीगढ़ की एक टीम ने ट्रामा सेंटर का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था। जिसमें ट्रामा सेंटर में एयर कंडीशन, थरमोग्राफ व ओडिया अलार्म लगाने के निर्देश दिए हैं। ताकि ब्लड बैंक को ठीक प्रकार से संचालित किया जा सकें।- डा. विजय दहिया, इंचार्ज, ट्रामा सेंटर।
-ब्लड यूनिट में रखा जाएगा ५० यूनिट ब्लड-
जगाधरी। हादसे में घायल होने के उपरांत ट्रामा सेंटर में ईलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों की जान अब खून की कमी की वजह से नहीं जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ट्रामा सेंटर में ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित करने का निर्णय लिया है। जिसमें फिलहाल ५० यूनिट ब्लड स्टोरेज किया जाएगा। ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित होने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि मरीजों के अभिभावकों को अब दूसरे अस्पतालों के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे। वहीं उन्हें ट्रामा सेंटर में ही आसान प्रक्रिया के बाद रक्त उपलब्ध हो जाएगा।
आए दिन यमुनानगर जिले की सडक़ों पर कहीं न कहीं हादसा होता है। जिसके उपरांत घायलों को ईलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भरती कराया जाता है। अगर घायल मरीज को समय पर ब्लड न मिलें तो उसक जान जाने का अंदेशा बढ़ जाता है। यमुनानगर जिले में फिलहाल तीन ब्लड बैंक हैं। जिसमें से दो प्राइवेट तथा एक सरकारी अस्पताल में है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने हाल ही में ट्रामा सेंटर में घायल व अन्य मरीजों का ईलाज करना शुरू किया गया है। जो मरीज फिलहाल ईलाज के लिए ट्रामा सेंटर में पहुंच रहे हैं और उन्हें किसी कारणवश ब्लड की जरुरत है, तो वे मजबूरन सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में स्थित ब्लड बैंक की ओर रूख कर रहे हैं।
जल्द स्थापित होगी यूनिट-
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही ट्रामा सेंटर में एक ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित की जाएगी। जिसकी ५० यूनिट ब्लड रखने का प्रावधान होगा। हाल ही में ब्लड बैंक चंडीगढ़ की एक टीम ने ट्रामा सेंटर का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और स्थानीय सिविल अस्पताल के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ट्रामा सेंटर में एयर कंडीशन, थरमोग्राफ व ओडियो अलार्म की व्यवस्था करवाएं। अधिकारियों का कहना था कि ब्लड बैंक को ठीक प्रकार से संचालित करने के लिए उक्त चीजों का होना बेहद जरूरी है। उपरोक्त चीजों की व्यवस्था होते ही जल्द से जल्द ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित कर दी जाएगी।
अब नहीं भटकेंगे अभिभावक-
सिविल अस्पताल व ट्रामा सेंटर में ब्लड स्टोरेज यूनिट न होने की वजह से फिलहाल अभिभावकों ब्लउ के लिए ईएसआई अस्पताल व प्राइवेट अस्पतालों में स्थित ब्लड बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। यहां पर बतां दे कि सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में स्थित तीनों ब्लड बैंक ट्रामा सेंटर से दो से पांच किलोमीटर की दूरी पर है। जहां पर आने व जाने में अभिभावकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वहीं कई बार घायल व्यक्ति के साथ एक ही आदमी होता है, तो ऐसे में ब्लड अरेंज करने में ज्यादा दिक्कतें आती है। लेकिन ट्रामा सेंटर में ब्लड बैंक स्थापित होने के बाद घायलों के अभिभावकों को दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
-मार्च महीने में ट्रामा सेंटर में ब्लड स्टोरेज यूनिट स्थापित कर दी जाएगी। जिसमें ५० यूनिट ब्लड स्टोरेज किया जाएगा। हाल ही में ब्लड बैंक चंडीगढ़ की एक टीम ने ट्रामा सेंटर का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था। जिसमें ट्रामा सेंटर में एयर कंडीशन, थरमोग्राफ व ओडिया अलार्म लगाने के निर्देश दिए हैं। ताकि ब्लड बैंक को ठीक प्रकार से संचालित किया जा सकें।- डा. विजय दहिया, इंचार्ज, ट्रामा सेंटर।
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